Shakti Kapoor Biography In Hindi - शक्ति कपूर का जीवन

 

Shakti Kapoor Biography In Hindi

Shakti Kapoor Biography In Hindi

सुनील सिकन्दरलाल कपूर उर्फ़ शक्ति कपूर एक भारतीय अभिनेता हैं। वह हिंदी सिनेमा में अपनी खलनायकी और कॉमिक टाइमिंग के लिए के लिए जाने जाते हैं। शक्ति कपूर का जन्म एक बेहद निम्‍न मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में 3 सितंबर 1958 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक दर्जी की दुकान चलाते थे। उनके नाम बदलने के पीछे भी एक वजह है, दरअसल जब सुनील दत्त साहब ने संजय दत्त स्टारर फिल्म रॉकी में विलेन का रोल ऑफर किया तो उन्हें अपना नाम सुनील कपूर विलेन की तरह नही लगा, इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर शक्ति कपूर कर लिया।

जन्म - 3 सितंबर 1958, 3 सितंबर 1952, दिल्ली

आवास - मुम्बई 

नागरिकता - भारत 

शिक्षा - दिल्ली विश्वविद्यालय, भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान 

व्यवसाय - अभिनेता, हास्य अभिनेता

बच्चे - सिद्धान्त कपूर, श्रद्धा कपूर 

पुरस्कार - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार

पढ़ाई

उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में ही सम्पन्न की हैं। वह दिल्ली यूनवर्सिटी के करोड़ी मॉल कॉलेज से ग्रेजुएट हैं।

शादी

शक्ति कपूर की शादी शिवानी कपूर से हुई हैं। उनकी दो बच्चे हैं, एक बेटा-सिद्धार्थ कपूर जोकि एक सहायक निर्देशक और डीजे हैं। उनकी बेटे श्रद्धा कपूर हैं, जोकि हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री हैं।

शक्ति कपूर की फिल्मोग्राफी
करियर

शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में आज जिस मुकाम पर हैं, व्हाँ उन्होंने पहुँचने के लिए इस इंडस्ट्री में कड़ी मेहनत की हैं। साल 1980 के दौर में शक्ति कपूर को बतौर अभिनेता पहचाना जाने लगा। उस साल उनकी दो फ़िल्में क़ुरबानी और रॉकी ब्लॉकबस्टर हिट फ़िल्में साबित हुई थी। इन दोनों ही फिल्मों में उन्होंने मुख्य खलनायक की भूमिका अदा की थी।

साल 1983 में शक्ति जितेंद्र और श्रीदेवी स्टारर फिल्म हिम्मतवाला और सुभाष घई निर्देशित फिल्म हीरो में खलनायक के किरदार में नजर आएं। अपनी चार फिल्मों खलनायकी का बेहतरीन अभिनय करने के बाद शक्ति कपूर बॉलीवुड के बेहतरीन खलनायकों की श्रेणी में आ गए थे। अस्सी और नब्बे के दशक में खलनायकी के किरदार के निर्देशकों और निर्मातायोँ की पहली पसंद अमरीश पूरी या फिर शक्ति कपूर ही होते थे।

नब्बे के दशक में कपूर ने खलनायकी को थोड़ा दरकिनार करते हुए कॉमिक रोल करने शुरू आकर दिए। जिस तरह वो पूरे परफेक्शन के साथ खलनायकी की भूमिका निभाते हैं उसी तरह उन्होंने कॉमिक रोल निभाए। उन्हें उनकी बेहतरीन कोमी टाइमिंग के लिए फिल्म राजा बाबू के नंदू की भूमिका अदा करने के लिए उन्हें फिल्मफेयर के कॉमिक रोल के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनकी कॉमिक फ़िल्में- इंसाफ, बाप नंबरी बीटा दस नंबरी, अंदाज अपना अपना, तोहफा, राजाबाबू, हम साथ साथ हैं, चालबाज, बोल राधा बोल।

वह सिर्फ एक अच्छे खलनायक ही नहीं बल्कि काफी अच्छे मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं। हिंदी सिनेमा में आज भी उनके प्रसिद्ध डाइलोग दर्शकों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। जिनमे राजा बाबू का- नंदू सबका बंदु समझता नहीं है यार, फिल्म चालबाज का मैं नन्हा सा मुन्ना सा छोटा सा बच्चा हूँ।

टीवी करियर

वह कलर्स टीवी के प्रसिद्ध रियल्टी शो बिगबॉस में भी बतौर प्रतिभागी नजर आ चुके हैं। वह म्यूजिकल कॉमेडी शो आसमान से गिरे खजूर पर अटके में भी नजर आ चुके हैं।

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